आलू की किश्मे

आलू मूलत: ठण्डे क्षेत्रों की फसल है लेकिन ताप अवधि के प्रति अनुक्रिया के लिहाज से जीन संग्रह में अत्यधिक विविधता होती है। भारत में आलू की फसल सामान्यत: तब उगाई जाती है जब अधिकतम तापक्रम 35 ड्रिग्री सेण्टीग्रेड से कम एवं न्यूनतम तापक्रम 20 डिग्री सेन्टीग्रेड से कम होता है। (कन्द निर्माण हेतु आदर्श तापक्रम 16-18 डिग्री सेन्टीग्रेड होता है)
केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा विकसित किस्में:-
केन्द्रीय आलू अनुसन्धान संस्थान, शिमला नेअपने प्रारम्भ से लगभग 51 उच्च उपज वालीं किस्मों का विकास विभिन्न सस्य जलवायु क्षेत्रों के लिये किया है। इनमें से 25 किस्में मैदानी क्षेत्रों के लिये उपयुक्त हैं, 20 किस्मेंं विभिन्न जैविक एवं अजैविक तनाव के प्रति गुणन प्रतिरोधी एवं 6 प्रसंस्करण हेतु उपयुक्त हैं।
अल्प अवधि वाली किस्में:-
कुफरी लवकार:– यह शीघ्र परिपक्वता वाली (75-80 दिन) किस्म हेैं जिसे रबी एवं खरीफ दोनों ही मौसमों में लगाया जा सकता है। यह गर्म जलवायु की सहनशील प्रजाति है। यह किस्म प्रमुख रोगों के प्रति सुग्राही है। इसकी उत्पादन क्षमता 30 टन/हे. है इस किस्म के कन्द बडे, गोल, सफेद, उथली आंखे जिनके उभरे हुये किनारे होते हैं, सफेद गूद हैं इसका उपयोग चिप्स निर्माण में किया जा सकता है।

 

कुफरी चन्द्रमुखी:- यह शीघ्र परिपक्वता वाली (80-90 दिन) किस्म है। यह किस्म प्रमुख रोगों के प्रति सुग्राही है इसकी उपज औसत 25 टन/हे. हैे इस किस्म के कन्द बड़े, अण्डाकार, हल्के चपटे, सफेद, सपाट आंखे, हल्का सफेद गूदा होता हैं। यह किस्म भोज्य उपयोग हेतु प्रमुखता से उपयोग की जाती है। इसका स्वाद काफी अच्छा माना जाता है।

 

कुफरी सूर्या:- यह शीघ्र परिपक्वता वाली (75-90 दिन) ताप सहनशील किस्म हेैं और इसे गर्म क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। यह किस्म होपर के प्रति प्रतिरोधी एवं बार्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है। एवं यह किस्म पछेती झुलसा के प्रति कम प्रतिरोधी एवं माईट क्षति के प्रति कम प्रतिरोधी है। इसकी औसत उपज 35 टन/हे. है। यह किस्म विकृतिहीन कन्दों का अच्छा उत्पादन करती है जिसमें से अधिकांशत: बडे कन्दों (<85 मि.मी.) का अनुपात पाया जाता है। 

कुफरी पुखराज:- यह एक शीघ्र परिपक्वता वाली (75-90 दिन) किस्म हैें। यह किस्म अगेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी एवं पिछेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी एवं वार्ट रोग्र के प्रति प्रतिरक्षी है। इसकी उत्पादन क्षमता 40 टन/हे. है। इस किस्म के कन्द सफेद, बड़े एवं अण्डाकार तथा भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त होते हैं।

 

कुफरी अशोका:- यह एक शीघ्र परिपक्वता वाली (70-80 दिन) किस्म है। यह किस्म पिछेती झुलसा के प्रति सुग्राही है। इस किस्म की उपज 35 टन/हे. है। इस किस्म के कन्द बड़े अण्डाकार-गोलाकार सफेद गूदे वाले एवं भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त होते हैं।

 

 

कुफरी ख्याति- यह एक शीघ्र परिपक्वता वाली (70-80 दिन) किस्म है। यह किस्म पिछेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी है। यह किस्म अन्य अगेती किस्मों की तुलना में बुवाई के 60 एवं 75 दिन के पश्चात् अधिक उत्पादन देती है। इस किस्म के कन्द उत्तम भण्डारण गुणवत्ता वाले होते हैं जिनमें शुष्क पदार्थ की मात्रा (15त्न) होती है। इस किस्म के कन्द मध्यम-बड़े, गोल अण्डाकार एवं हल्के पीले गूदे वाले होते हैं जो कि भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त होते हैं।

मध्यम अवधि किस्में-

कुफरी ज्योति- यह एक मध्यम परिपवक्ता (90-100 दिन) वाली किस्म है। यह किस्म अगेती एवं पिछेती झुलसा के प्रति कम प्रतिरोधी एवं वार्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इस किस्म की उपज मैदानी क्षेत्रों में 30 टन/हे. है। इस किस्म के कन्द बड़े, अण्डाकार एवं फटाव (क्रैकिंग) की प्रवृति वाले होते हैं तथा भोज्य उपयोग, फ्लैक्स एवं चिप्स के लिये उपयुक्त होते हैं।

 

कुफरी चिप्सोना-1– यह एक मध्यम परिपवक्ता (90-100 दिन) वाली किस्म है। यह किस्म पिछेता झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उत्पादन क्षमता 35 टन/हे. है। इस किस्म के कन्द सफेद, मध्यम से बड़े एवं अण्डाकार होते हैं। इस किस्म के कन्द उच्च शुष्क पदार्थ, निम्न अपचयित शर्करा एवं निम्न फीनोल वाले होते हैं जो कि इस किस्म को चिप्स, फ्रेंच फ्राई के लिये उपयुक्त बनाते हैं एवं इसके बेहतर स्वाद के कारण यह किस्म भोज्य उपयोग हेतु भी प्रचलित किस्म के रूप में उभरकर आई है।

कुफरी चिप्सोना-3- यह एक मध्यम परिपवक्ता (90-110 दिन) वाली किस्म हैं। यह किस्म पिछेती झुलसा रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उत्पादन क्षमता 35-40 टन/हे. है। इस किस्म के कन्द गोल से अण्डाकार, उच्च शुष्क पदार्थ, निम्न अपचयित शर्करा एवं निम्न फिनोल वाले होते हैं। जिसके कारण यह किस्म चिप्स एवं फ्लैक्स के लिये उपयुक्त मानी जाती है।

 

कुफरी चिप्सोना-4 यह एक मध्यम परिपववता (90-100 दिन) वाली किस्म है। यह किस्म पिछेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी हैं इसकी उत्पादन क्षमता 30-35 टन/हे. है। इसके कन्द उच्च शुष्क पदार्थ, निम्न अपचयित शर्करा एवं निम्न फिनोल वाले होते हैं जो इस किस्म को चिप्स एवं फ्लैक्स के उपयोग हेतु उपयुक्त बनाते हेैं।
कुफरी फ्राईसोना- यह एक मध्यम अवधि परिपक्वता (100-110 दिन) वाली किस्म हैं। यह किस्म पछेता झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उत्पादन क्षमता 30-35 टन/हे. है। इसके कन्द गोलाकार, उच्च शुष्क पदार्थ, निम्न अपचयित शर्करा एवं निम्न फीनोल वाले होते हैं। जिसके कारण यह किस्म फ्रेंच फ्राई के लिये उपयुक्त मानी जाती है।
कुफरी बहार- यह मध्यम अवधि परिपक्वता (90-110 दिन) वाली किस्म हेैं। यह किस्म वार्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उपज मैदानी क्षेत्रों में 35 टन/हे. है। यह भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त किस्म है।

 

कुफरी बादशाह- यह एक मध्यम विलम्ब परिपक्वता (100-110 दिन) किस्म है। यह किस्म अगेती एवं पिछेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी है एवं आलू विषाणु एक्स के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उपज 50 टन/हे. है। इसके कन्द बड़े अण्डाकार एवम् चिकने छिलके वाले होते हैं। यह किस्म भोज्य उपयोग हेतु उपयोग की जाती है। यह किस्म प्रसंस्करण हेतु उपयुक्त नहीं है।

कुफरी जवाहर– यह मध्यम अवधि परिपक्वता (80-90 दिन) किस्म है। यह किस्म पिछेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी एवं वार्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उत्पादन क्षमता 35-40 टन/हे. है। इस किस्म के कन्द हल्के पीले, सफेद व गहरे पीले गूदे वाले होते हेैं एवं यह भोज्य उपयोग हेतु उपयोगित किये जाते हैं।

 

कुफरी सतलुज- यह मध्यम अवधि परिपक्वता (90-100 दिन) किस्म है। यह पिछेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी है। इसकी उत्पादन क्षमता 40 टन/हे. है। इसके कन्द बडे, अण्डाकार, सफेद गूदे वाले एवम् भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त होते हैं। यह किस्म प्रसंस्करण हेतु उपयुक्त नहीं है।
कुफरी आनन्द- यह मध्यम अवधि परिपक्वता (90-110 दिन) किस्म हैं एवं पछेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है तथा हॉपर वर्न के प्रति सहिष्णु है। इस किस्म के कन्द बडे, अण्डाकार, सफेद छिलके एवं उभरी आंखों वाले होते हैं। यह किस्म बसन्त मौसम में उत्पादन हेतु उत्तम हैं तथा इस किस्म का औसत उत्पादन 35-40 टन/हे. है। यह किस्म भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त है परन्तु प्रसंस्करण हेतु उपयुक्त नहीं है।

कुफरी पुष्कर– यह मध्यम अवधि परिपक्वता (90-100 दिन) किस्म है। यह किस्म पिछेती एवं अगेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है। इसका औसत उत्पादन 30-35 टन/हे. हैं इसके कन्द मध्यम-गोल-अण्डाकार, सफेद उथली से गहरी आंखों वाले एवं हल्के पीले गूदे वाले होते हैं। यह किस्म भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त है।

 

कुफरी गरिमा– यह मध्यम अवधि परिपक्वता (90-100 दिन) किस्म है। यह किस्म पिछेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है। इसके कन्द हल्के पीले, अण्डाकार उथली आंखों वाले एवं हल्के पीले गूदे वाले होते हैं। यह किस्म अनुकूलतम सस्य क्रियाओं के साथ 30-35 टन/हे. उपज देने में सक्षम हैं। यह किस्म भोज्य उपयोग हेतु उपयुक्त है।

मध्यम-दीर्घ अवधि किस्में-

कुफरी हिमसोना- यह एक मध्यम-देरी से परिपक्वता (110-120 दिन) वाली किस्म हैं। यह किस्म पछेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी उपज 30-35 टन/हे. है। इसके कन्द उच्च शुष्क पदार्थ, निम्न अपचयित शर्करा एवं निम्न फीनोल वाले होते हैं जो कि इस किस्म को चिप्स एवं फ्लैक्स हेतु उपयुक्त बनाते हैं।
कुफरी सिन्दूरी- यह एक दीर्घ अवधि/देरी से परिपक्वता (110-120 दिन) वाली किस्म है। यह किस्म अगेती झुलसा के प्रति अल्प प्रतिरोधी एवं पीएलआरवी के प्रति सहिष्णु है। यह किस्म तापक्रम एवं जलतनाव सह सकती है। इसकी उत्पादन क्षमता 35 टन/हे. है। इसके कन्द गोल, मध्यम लाल एवं चिकनी त्वचा वाले होते हैं। यह किस्म शुष्कीकृत उत्पाद, फ्लैैक्स एवम् कैनिंग हेतु उपयुक्त हैं।

 


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