6 major diseases of mustard and their management
1. सरसों का सफेद रोली (White rust) रोग
यह सरसों का अति भयंकर रोग है। यह बीज व भूमि जनित रोग है। इस रोग के कारण बुवाई के 30-40 दिनो के बाद पतियों की निचली सतह पर सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले दिखाई देते है। फफोलो की ऊपरी सतह पर पतियों पर पीले रंग के धबे दिखाई देते है। उग्र अवस्था मे सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले पतियों की दोनो सतह पर फैल जाते है। फफोलो के फट जाने पर सफेद चूर्ण पतियों पर फैल जाता है। पीले रंग के धबे आपसमे मिलकर पतियों को पूरी तरह से ढक लेते है। पुष्पीय भाग व फलियाँ पूरी तरह से विकृत हो जाती है। जिनमे बीज नही बनते है।
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2. सरसों का पौध आर्द्र-गलन रोग
इस रोग का प्रकोप पौधे के भूमि के सतह या भूमि के अन्दर वाले भाग पर कवक के आक्रमण होने से जड़ पर जल सिक्त धबे बनकर तने को कमजोर कर देते है। जिससे तना सुख जाता है। अंत मे पौधा भूमि पर गिर जाता है।
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3. सरसों का अंगमारी रोग
इस रोग से पतियों पर कत्थईभूरे रंग के उभरे हुये धबे दिखाई देते है, जिनके किनारे पीले रंग के होते है। देखने मे यह धबे आँख की तरह प्रतीत होते है। उग्र अवस्था मे यह धबे आपस मे मिलकर बड़े हो जाते है| जिससे पतिया पीली हो कर झड़ने लगती है।
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4. सरसों का तुलासिता रोग
इस रोग के कारण पतियों की निचली सतह पर कपास की तरह उभरी हुई सफेद भूरी फफूँद दिखाई देती है, जिससे पतियों की निचली सतह पर हल्के भूरे बैंगनी धबे पड़ जाते है, जिसका ऊपरी भाग पीला पड़ जाता है, उग्र अवस्था मे तना व पुष्प क्रम अति वृध्दि के कारण फूल जाते है, फलियों मे दाने नही बनते है। इस रोग का प्रकोप सफेद रोली के साथ दिखाई देता है तो फसल मे ज्यादा नुकसान होता है
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5. सरसों का स्केलेरोटीनिया तना सड़न रोग
यह रोग आज के समय मे सबसे खतरनाक रोग है। यह भूमि व बीज जनित रोग है। रोगके लक्षण सबसे पहले लम्बे धबो के रूप मे तने पर दिखाई देते है। जिन पर कवक जाल के रूप मे दिखाई देती है, उग्र अवस्था मे तना फट जाता है व पौधा मुरझाकर सुख जाता है, संक्रमित भाग पर काले रंगके गोल कवक के स्केलेरोशिया दिखाई पड़ते है। अधिक नमी के दिशा मे रोग का प्रकोप ज्यादा होता है।
Scalerotonia stem rot
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6. सरसों का छाछया रोग
यह एक कवक जनित रोग है, जो शुरूआती अवस्था मे पौधे की पतियों व टहनियों पर मटमेले सफेद चूर्ण के रूप मे दिखाई देती है। जो बाद मे सम्पूर्ण पौधे पर फैल जाती है। जिसके कारण पतिया पीली होकर झड़ने लगती है।
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